सुपौल/ एसएसबी की 45वीं बटालियन के वीरपुर कैंप में शुक्रवार को करंट लगने से तीन जवानों की मौत हो गई। आठ अन्य जवान बुरी तरह झुलसे हैं। घायलों का इलाज दरभंगा में चल रहा है। एसएसबी के डीआईजी एसके सारंगी ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद बताया कि कैंप में टेंट हटाने के दौरान लोहे का एक पोल मैदान के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार में सट गया। इसी वजह से यह हादसा हुआ है। सभी घायल जवान खतरे से बाहर हैं। मामले की जांच कमांडेंट से कराई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, 45वीं बटालियन के कमांडेंट एचके गुप्ता का तबादला हो गया था। बुधवार की शाम उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। शुक्रवार दोपहर बाद ट्रेनी जवान विदाई समारोह के लिए लगाया गया टेंट खोल रहे थे। इसी दौरान टेंट के ऊपर से गुजर रहे हाईवोल्टेज तार में लोहे का एक पाइप सट गया। सभी जवान एक जगह ही काम कर रहे थे, इसलिए एक साथ सब करंट की चपेट में आ गए। अमोल पाटील (30), परशुराम सबर (24) और महेंद्र चंद्र कुमार बोपचे (30) की मौत मौके पर ही हो गई। अमोल नासिक, महाराष्ट्र के रहने वाले थे। परशुराम सबर उत्तर प्रदेश और महेंद्र चंद्र उड़ीसा निवासी थे। घायलों में नरसिंह चौहान, के चंद्रशेखर, परितोष अधिकारी, मांडवे राजेंद्र मोहम्मद शमशाद, सुकुमार वर्मा, सोना लाल यादव और आनंद किशोर शामिल हैं। इन सबको पहले अनुमंडल अस्पताल लाया गया। प्रारंभिक इलाज के बाद रेफर कर दिया गया है।
डीआईजी ने बताया कि कैंप के ट्रेनिंग मैदान के उपर से हाईटेंशन तार गुजरता है। तार काफी नीचे लटका हुआ है। इसके लिये एसएसबी ने कई बार बिजली विभाग को पत्र लिख कर तार को मैदान के ऊपर से हटाने का आग्रह किया था, लेकिन तार नहीं हटाया गया। अगर तार हटा दिया गया होता तो यह हादसा नहीं होता।