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पौष पूर्णिमा के मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने नदी में लगाई श्रद्धा की डुबकी

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सिंहेश्वर,मधेपुरा/ प्रखंड मुख्यालय के रमाणी टोला के पश्चिम दिशा में कोशी नदी के तट पर पौष पुर्णिमा के अवसर पर भव्य मेला का आयोजन किया गया. इस मेले का आयोजन पौष पूर्णिमा मेला समिति रमानी टोला सिंहेश्वर के द्वारा किया गया. मेले में पहुंचने वाले हजारों महिला व पुरूष श्रद्धालु ठंड होने के बावजुद कोशी नदी में डुबकी लगाई. जबकि डुबकी लगाने के बाद पास के मंदिर में पूजा- अर्चना भी की. आलम ऐसा था कि भीषण ठंड होने के बावजुद श्रद्धालुओं का घाट पर दिन भर आना जाना लगा रहा.

पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धालु दही- चुड़ा खाने से नही चुके. वहीं मेले में विभिन्न प्रकार की दुकाने भी लगायी गयी थीं. सार्वजनिक पौषी पूर्णिमा मेला समिति के अध्यक्ष चंदन रमाणी ने जानकारी देते हुये बताया कि हर वर्ष पौष माह के पुर्णिमा के दिन मेले का आयोजन लगभग 103 वर्ष पूर्व से ही किया जाता रहा है. सुबह लगभग तीन बजे से ही श्रद्धालु स्नान व पूजा करने के लिये पहुंचते रहते है. ठंड काफी होने के कारण समिति की ओर से कई जगहों पर अलाव की व्यवस्था कि गई थी और महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिये पंडाल भी लगाया गया था. वहीं यह भी बताया कि श्रद्धालुओं को तट तक पहुंचने के लिये रास्ता बनाने के साथ- साथ 24 घंटे रामधुनी का आयोजन किया गया था.

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जानकारों ने बताया कि कोशी पुर्णिमा व कौशिकी स्नान की महत्ता बताते हुये बताया कि श्री कौशिकी देवी गाधिराज ऋषि की पुत्री एवं विश्वामित्र जी के श्वांस से अवतरित हुई थी. श्री कौशिकी देवी का विवाह ऋचीक ऋषि से हुई, मुनियों ने जन कल्याण के लिये कौशिकी देवी का अनुष्ठान किया. कौशिकी देवी साक्षात उपस्थित होकर वर मांगने के लिये बोली. जिसपर मुनियों ने कहा कि देवी अगर आप प्रसन्न है तो कलियुग में मानवों का जीवन अन्न रात एवं अल्पायु होगें कृपा कर मानवों का कल्याण करें. तब कौशिकी देवी ने बोला कि पौषी पूर्णिमा के अरूणोदय काल में जो नर नाड़ी हमकों ध्यान कर स्नान करेगें उनका कल्याण होगा. जिसके बाद देवी अन्तर्ध्यान हो गई. जबकि मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की छोटी से छोटी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुये मेला समिति के अध्यक्ष सहित सचिव सनोज रमाणी, कोषाध्यक्ष नरेश रमाणी, गणेश रमाणी, वकिल रमाणी, मुकेश रमाणी, मिथिलेश चन्द्रवंशी, गोपाल रमाणी, मेंनजन रमाणी, प्नकश रमाणी, नतिश कुमार, मिठ्ठू कुमार, पवन कुमार व अन्य अहले सुबह से ही व्यवस्था में लगे रहे. जिस वजह से घाट पर पहुंचने वाले किसी भी श्रद्धालु को परेशानी नही हुई.

मौके पर सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सदस्य संजीव ठाकुर, सरोज सिंह, अमरनाथ ठाकुर, सत्येंद्र ठाकुर, पुजारी लालबाबा, व्यापार संघ के महासचिव अशोक भगत आदि मौजूद थे.

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