Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

ये हमारा Archieve है। यहाँ आपको केवल पुरानी खबरें मिलेंगी। नए खबरों को पढ़ने के लिए www.kositimes.com पर जाएँ।

- sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

सुपौल : बाल मन की मासूमियत के आगे जात-पात, धर्म-मजहब कोई मायने नहीं रखती।

- Sponsored -

देश भर में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और संयोग ये भी कि आज ही के दिन भाई बहन के पावन रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन भी बहनों ने हर्षोल्लास से मनाया , रक्षा बंधन को लेकर गाँव से लेकर शहर तक कि बहनों में काफी उत्साह रहता है और भाई के कलाई पर राखी बांध भाई से रक्षा का वचन पाती है।

विज्ञापन

विज्ञापन

लिहाजा नजारा ही कुछ और होता है आधुनिकता के इस दौर में भले ही इसकी छाप शहरों में ज्यादा देखने को मिल रही है, पर गांव में भी बड़ी शिद्दत से बहना इस पर्व का इंतज़ार करती है, और जैसे जैसे दिन नजदीक आता है राखी के धागे को खरीदती है, मिठाई की व्यवस्था करती है। लगभग एक सप्ताह से इस पर्व की तैयारी शुरू हो जाती है। जिन बहनों का भैया दूर शहर में रहता है,उन्हें डाक के माध्यम से राखी भेजती है।

गांव में आपसी प्रेम भाईचारे का ऐसा माहौल रहता है ,जहाँ न तो जात पात मायने रखती है और न पर्व त्योहार में भेद भाव, इसी परिवेश में पली बढ़ी आलिया हैदर भी बचपन से रक्षाबंधन पर्व की बहुत शौकीन हैं ।
दअरसल आलिया हैदर के दादा मो0 नईमुद्दीन कटहरा कदमपुरा पंचायत के वर्तमान मुखिया है,और पिताजी करण हैदर समाज सेवी है, जिसका असर बच्चो पर भी पड़ा है, सबके साथ उठना बैठना सामूहिक पर्व त्योहार मनाना आलिया के जन्मजात संस्कार में मिला है।

आज रक्षा बंधन के त्योहार के अवसर पर आलिया हैदर अपने मासूम दो भाइयों के कलाई पर राखी बांधी , ये सिलसिला बर्षो से चल रहा है परिवार वाले भी आलिया हैदर के भावना को स्वीकार कर उसे वो हर सामान लाकर देती जो रक्षा बंधन के लिए जरूरी होता है , राखी, मिठाई, दिपक ये तमाम चीजें आलिया ने मंगा कर भाईयों के कलाई पर राखी बांध अपना फर्ज पूरा किया ।

आलिया के पिता करण हैदर ने बताया कि आलिया बर्षो से रक्षा बंधन का पर्व मनाती आ रही है इस बार भी आलिया हैदर बकरीद कि छुट्टी पर स्कूल से वापस अपने घर आयी और आज संयोग से रक्षा बंधन का त्यौहार भी था लिहाजा आलिया ने राखी सहित तमाम सामान मंगा कर घर में मौजूद दो भाइयों शाद अमान और शैद शकील को राखी बांधी , उन्होने कहा कि आलिया को रक्षा बंधन का त्यौहार याद रहता है वो हर बार भाई के कलाई पर राखी बांध कर ये पर्व मनाती है इसमे परिवार के सभी सदस्य सहयोग करते है।कहानी भले ही समान्य हो पर आलिया हैदर की इस भावना को आज समझने की जरूरत है, आपसी भाईचारा ही सभ्य समाज और मानवता की पहचान होती है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

आर्थिक सहयोग करे

Comments
Loading...