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सहरसा:विश्व संग्रहालय दिवस पर मत्सयगंधा संग्रहालय को संरक्षित की मांग

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सुभाष चन्द्र झा
कोसी टाइम्स@सहरसा
मत्स्यगंधा परिसर स्थित बाबा कारू खिरहर प्रमंडलीय संग्रहालय में जिले विभिन्न स्थानों पे प्राप्त पुरातात्विक महत्व के अवशेष आज भी देखने को मिलते हैं. बाबा कारू खिरहर के खडाऊं, छडी सहित अन्य कई तरह के पुरातात्विक महत्व के अवशेष जिले का पहचान सिद्ध करता है. वर्ष 2004 में तत्कालीन कला संस्कृति एवं युवा मंत्री अशोक कुमार सिंह ने इस संग्रहालय का विधिवत उद्घाटन किया था. बीच के वर्षों में संग्रहालय में हुई चोरी को देखते हुए इसे बंद कर दिया गया था. लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए वर्ष 2013 में पुनः इसे आम लोगों के लिये खोल दिया गया. इस संग्रहालय का संचालन भागलपुर से किया जा रहा है. वहीं संग्रहालय की सुरक्षा को लेकर वर्ष 2018 में 11 लाख से अधिक राशि से चारदीवारी का निर्माण किया गया व दो मुख्य गेट बनाए गये हैं. सुरक्षा को लेकर फाडी बनाया गया है जहां होमगार्ड के जवान सुरक्षा व्यवस्था को देखते हैं.

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महिषी प्रखंड के कई क्षेत्र में हैं पुरातात्विक अवशेष 
जिले के महिषी प्रखंड अन्तर्गत उग्रतारा स्थान के क्षेत्र में पुरातात्विक अवशेष आज भी प्रचुर मात्रा में हैं. पुरातात्विक विभाग द्वारा क्षेत्र के गोरहो डीह, कंदाहा सहित अन्य जगहों पर उत्खनन का प्रयास किया गया लेकिन राजनीतिक पकड़ ढीली होने की वजह से या क्षेत्र उपेक्षित हीं रहा. वर्षों पूर्व मंडन धाम महिषी में भारत के गिने-चुने पुरातत्व वेत्ता पूर्व डायरेक्टर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कोलकाता डॉ फणिकांत मिश्र के प्रयासों से यूनेस्को द्वारा संचालित विश्व धरोहर दिवस मनाया गया था. इसके बाद अन्य किसी तरह का प्रयास नहीं हो सका. वहीं महिषी के मंडन धाम में भवन निर्माण के दौरान नींव की खुदाई में पुरातत्व महत्व के कुए का पता चला जौ हजारों वर्ष पूर्व के होने की संकेत दे रहे हैं. वहीं इसके आस पास से ग्रामीणों को भी कई तरह के मृद भांड प्राप्त हुए हैं. इन्के जांच के लिये पुरातात्व विभाग पटना ले गयी लेकिन इसके बाद विभाग ने आगे कुछ नहीं किया है. जबकि इस क्षेत्र की खुदाई से महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक अवशेष मिलने की प्रवल संभावना है. वहीं इसी क्षेत्र के निकट कंदाहा मे अति प्राचीन सूर्य मंदिर के निकट भी खुदाई से पुरातात्विक महत्व के साक्ष्य मिल सकते हैं.

पुरातत्व विभाग ने इसके लिये वर्षों पूर्व जगह तक संरक्षित किया है लेकिन इसकी खुदाई नहीं हो सकी है. पुरातत्व वेत्ता पूर्व डायरेक्टर पुरातत्व डॉ मिश्र ने सरकार को इन जगहों की खुदाई के लिये प्रस्ताव भी भेजा था जिसपर कार्य आगे नहीं बढ सका. इसके अलावे जिले के सोनवर्षा प्रखंड अन्तर्गत मां चण्डी स्थान के आस पास की खुदाई से भी महत्वपूर्ण जानकारी व अवशेष प्राप्त होने की पूरी संभावना है. पुरातत्व विभाग खुदाई में रूचि ले तो कई प्राचीन जानकारियों से लोग अवगत हो सकेंगे एवं अपने पूर्व के इतिहास की जानकारी युवाओं को भी प्राप्त हो सकेगा. हालांकि स्थानीय शिक्षाविद एवं पूर्व जिला शोध अन्वेषक दिलीप कुमार चौधरी ने इस क्षेत्र के पुरातात्विक अवशेष को खोज निकालने के लिए राज्य का दूसरा पुरातात्विक शाखा खोलने की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि पुरातत्व वेता श्री मिश्र भी उनके इस मांग पर अपनी प्रसन्नता जाहिर करते हुए भरपूर सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

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