मिथिलेश कुमार/ पिपरा,सुपौल/ कोरोना और लॉकडाउन के बीच कुदरत का कहर लोगों पर जमकर टूट रहा है। खासकर बेमौसम आंधी बारिश ने किसानों के अरमानों पर वज्रपात कर दिया है। सोमवार से शुरू हुई बारिश के कारण किसानों को व्यापक नुकसान हुआ है। गुरूवार को तीन घंटे की जोरदार बारिश से खेत व खलिहान तालाब में तब्दील हो गए हैं। शहर की सड़के व मोहल्ले झील बन चुकी है। मौसम का यू टर्न परेशानी का सबब बन रहा है।
बता दें कि मौसम की बेरुखी के कारण गेहूं फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी है। अब मक्का व मुंग की फसल पर भी मौसम का ग्रहण लगने के कारण या तो फसल खेत में लगी हुई है या उसकी तैयारी नहीं हो पाई है। बारिश के कारण जहां खलिहान में पड़ी फसल भींगने के कारण उसे सुखाना व तैयार करना चुनौती बनी हुई है। वहीं खेतों में लगी फसल गिरने के कारण किसान परेशान है। आंधी के कारण सैकड़ों हेक्टेयर में लगी मक्का की फसल जमीन पकड़ चुकी है। कुछ फसल पककर तैयार है तो कुछ इलाकों में अभी फसल तैयार होने में विलंब है। मौसम ने खेत में लगी फसल के साथ ही तैयार फसलों को बर्बाद कर दिया है। लॉकडाउन के कारण उचित मूल्य नहीं मिलने की परेशानी के साथ फसल भींगने के कारण उसकी गुणवत्ता प्रभावित होगी। ऐसे में फसल का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण अब किसानों के लिए लागत मूल्य निकालना भी चुनौती बनी हुई है।
बता दें कि आंधी व बारिश के कारण पिपरा प्रखंड क्षेत्र में मक्का की फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। जबकि मजदूर व वाहन नहीं मिलने के कारण खेत में कटी फसल दरवाजे तक पहुंचने के पहले ही बर्बाद हो चुकी है। इसके कारण किसान काफी परेशान हैं। वहीं मक्का की फसल के साथ बागवानी फसलों को भी क्षति हुई है। किसानों ने बताया कि फसल पूरी तरह भींग चुकी है, जबकि खेतों में पानी जमा हो गया है। ऐसे में महाजन के कर्ज का भुगतान व बैंक का कर्ज चुकाना उनके लिए कड़ी चुनौती होगी। आंधी बारिश के कारण व्यापक नुकसान हुआ है फसल क्षति का सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने के साथ बैंक का कर्ज माफ कराने की मांग की है। कहा कि अगर मौसम में सुधार नहीं हुआ तो मुनाफा तो दूर उनके लिए परिवार चलाना भी कठिन चुनौती बन गई है।