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गणतंत्र दिवस:अपने मन पसंद नेता चुनने के अधिकार का दिन

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संजय कुमार सुमन

sk,suman379@gmail.com 

नमस्ते, आज 26 जनवरी है । आज हम सब यहाँ भारत के 70 वा गणतंत्र दिवस मनाने के लिए इकत्रित हुए हैं। 26 जनवरी का दिन हमारे देश भारतवर्ष के लिए काफी महत्व दिन है। इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। इसका ये मतलब है कि इसी दिन से भारत के नागरिकों को अपने मन पसंद के नेता चुनने का अधिकार मिला था। इस दिन देश के प्रधानमंत्री दिल्ली की इंडिया गेट के सामने पुरे देशवासियों को शुभकामनाएं देते हैं। देश की सेना काफी बडी मात्रा में परेड करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री अमर जवांन ज्योति पर पुष्प की माला डालते हैं । शहीदों की याद में कुछ वक़्त मौन रहां जाता है।

गणतंत्र वो है जिस देश में ‘गण’ यानी जनता या नागरिकों का राज हो। गणतंत्र देश में ‘प्रजा’ की राज होती है, जिसका मतलब है की यहाँ सत्ता देश की जनता चुनती है। भारत एक गणतंत्र देश है और यहाँ की सरकार के लिए भारतीय नागरिक अपने ही भीतर से किसी सदस्य को बहुमत से चुनाव के माध्यम से चुनती है। समग्र भारत की देश वासियों के लिए 26 जनवरी को एक गौरव की दिन माना जाता है।  देश की हर सरकारी और निजी स्कूलों में इस दिन सभी बच्चों को अपने देश की सम्मान करना सिखाया जाता है। इस दिन सभी बच्चे अपने अपने ढंग से देश को अपना सम्मान जताते हैं।

हमारे देश में 26 जनवरी का उत्सव अपने देश की इतिहास की याद में मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत की संविधान  लागू हुई थी। भारत को अंग्रेज़ों से पूर्ण मुक्ति या कहें स्वराज दिलाने के लिए लाहौर में रवि नदी के किनारे भारत की क्रांतिकारियों ने सन 1930 को प्रतिज्ञा की थी। भारत प्राचीन काल से ही सोने की चिड़िया कहा जाता रहा है लेकिन 15 अगस्त 1947 से पहले अनेको विदेशियों ने भारत पर आक्रमण करके भारत को गुलाम बना लिया था। फिर भारतीयों के लगातार संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से हमे आजादी मिली फिर देश में जनता का शासन लागू किया गया। देश को को चलाने के लिए सविंधान की आवश्यकता हुई है जो की डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में भारत का सविंधान बनकर तैयार हुआ फिर यही सविंधान सर्वसम्मति से 26 जनवरी 1950 को भारत देश पर लागू किया गया जिसके कारण इस  महान दिन को हम सभी भारतीय 26 जनवरी या गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व के रूप में हर साल मनाते आ रहे है।

बात जब एकता और समानता की आती है तो सबसे पहले उन राष्ट्रों का नाम सबसे पहले आता है। जहा पर जनता का जनता के लिए जनता द्वारा शासन स्थापित होता है और ऐसा सबकुछ उस देश की गणतंत्र व्यवस्था के जरिये ही सम्भव होती है। जिस देश अपना खुद का सविंधान होता है उस देश के सभी नागरिको को एक समान अधिकार दिए जाते है। हमारे देश के वीरजनों जैसे की मंगल पांडे,खुदीराम बोस,सुभाषचन्द्र बोस,चंद्रशेखर आजाद,महात्मा गाँधी आदि के बलिदान और संघर्ष के कारण आज समग्र देश आजादी की हवा का सांस ले रहा है। ये दिन हमें भारत माता की वीर पुत्रों की याद दिलाती है। हमें उन वीर नेताओं की बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। उनकी कुर्बानी को हम दिल से सलाम करते हैं।

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हर भारतीय का सिर्फ एक ही सपना था की भारत देश को आजादी मिले चाहे उसके बदले उन्हें अपनी जान की कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े। जिसके कारण राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने सीधा अंग्रेजो से कहा “अंग्रेजो भारत छोडो” तो बंकिमचन्द्र चटर्जी ने एक ही मन्त्र दिया जो आजादी का मन्त्र बन गया वह है “वन्दे मातरम” और यही नही देश के युवा भी खुद को आजादी के संघर्ष जोड़ते हुए खुद को आगे लाये जिनमे प्रमुख रूप से भगत सिंह ने “इन्कलाब जिंदाबाद का नारा दिया। पहली बार मंगल पांडे ने ही कहा था “मारो फिरंगियों को” तो इसी आजादी को पाने के लिए जहा सभी ड्रम के लोग एक तिरंगे के नीचे हो जाते थे जिसे इस तिरंगे की महत्ता को देखते हुए श्याम लाल गुप्ता ने कहा था – “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा उचा रहे हमारा” तो भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने अंग्रेजो की अंग्रेजी से तंग आकर हिंदी के विकास के लिए एक सम्पूर्ण भारत की कल्पना करते हुए कहा – “हिंदी हिन्दू हिदुस्तानये वही नारे थे जो आजादी के समय भारतीयों के लिए उर्जा का काम करते थे तो आज भी यही नारे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

चाहे जितना भी व्यस्त जीवन हो, साल मे एक बार हर कोई गणतंत्र दिवस पर देश की स्मरण करता है और देश भक्ति में लोटपोट होता है। हमें ये प्रण लेना है की 26 January की इस भावना को केवल एक दिन ही नहीं बल्कि सालों साल अमर रखना है। इस मात्रुभूमि ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब वक़्त हमारा है। भारत माता को अपनी सम्मान और देश के नागरिक को उनका अधिकार दें। देश के जवान अपने प्राण की दाव लगाकर देश की सेवा कर रहे हैं, हमे देश की अंदरूनी देखभाल करनी है। भले ही हम आजाद देश में पैदा हुए है लेकिन जरा सोचिये जब हमारा देश गुलाम रहा होंगा तो लोगो पर क्या बीतती रही होंगी, कोई भी अपने मन से खुले में चैन की साँस ले नही पा रहा होंगा। हर तरफ सिर्फ बंदिशे ही रही होंगी कोई चाहकर भी अपने हक की आवाज़ को उठा नही सकता, उसी आजादी को पाने के लिए हमारे देश के लाखो लोग कुर्बान हो गये तो कितने वीर हसते हसते फासी के फंदे को चुमते हुए मौत को गले लगा लिया तब जाकर हमारे देश को आजादी मिला, वो भी ऐसी आजादी जिसकी कीमत हमने लाखो लोगो की जान गवानी पड़ी। अब ऐसे में हम सभी भारतीयो का यही फर्ज बनता है। सभी लोग एक दुसरे के साथ मिलकर रहे और आपसी मतभेदों को भुलाकर देश के दुश्मनों का मुकाबला करने के लिए हमेसा निस्वार्थ भाव से तत्पर रहे। तभी हम अपनी इस मिली आजादी की अखंडता को बनाये रख सकते है और तभी विश्व पटल पर भारत को फिर से विश्वगुरु बना सकते है।

जैसा की कहा भी गया है –

“अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं”

तो हम सभी का यही फर्ज बनता है कि आप अपनी इस आजादी को बनाये रखने के लिए हमेशा देश की अखंडता को बनाये रखे। जिससे जो भी वीर अमर स्वतंत्रता सेनानी हमारे देश की आजादी के लिए शहीद हुए है उनको भी हमपर गर्व हो।

ये बहुत ही शर्मनाक है कि आज भी हम भ्रष्टाचार, लूट,हत्या,दुष्कर्म जैसे शर्मशार अपराधों से जुजते हैं । आइए आप और हम सब मिल कर भारत को अपनी असली आजादी दिलाएं ,आजादी देश में पनपते अपराधिओं से। हम अपने आने वाले पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाएं जहां कोई डर न हो। आजादी का मतलब एक ऐसी खुली हवा जहा हम अपने इच्छा से अपने तरह अपने देश में जीवन बिता सके। इसलिए हम सभी को अपने देश से प्रेम जरुर करना चाहिए। क्योंकि जब लोगो को अपने देश से प्रेम नही रहेगा तो फिर हमे गुलाम होने से कोई नही बचा सकता है।

जरा सोचिये जिस आजादी को पाने के लिए लाखो भारतीय अपने देश पर कुर्बान हो गये, लाखो लोगो ने अपनने जीवन की परवाह किये बिना हसते हँसते फांसी के फंदे पर झूल गये तब जाकर हमारे देश भारत को आजादी मिली। तो सोचिये की इस आजादी की कीमत कितने भारतीयो को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। ऐसे में हम सभी भारतीयों का यही फर्ज बनता है कि हम अपनी आजादी को किसी भी कीमत पर नही गवाए और सब भारतीय मिलजुल रहते हुए देश की अखंडता को बनाये रखे। अपने साथ पूरे देश के विकास में योगदान दे,तभी हमारा भारत डॉक्टर अब्दुल कलाम के सपनों का विकसित भारत हो सकता है। हमें अपने देश को अपना परिवार मानना होगा और पुरे जिम्मेदारी से इसकी आंन और शान की रक्षा करना होगा। तो आइए हम और आप मिल कर हमारे देश भारत की गर्व को बनाये रखने की कसम खाते हैं और सच्चा देश भक्त बनने की मुहीम में जूट जाते हैं।

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