प्यार झूठा मोहब्बत भी झूठी
प्यार झूठा
मोहब्बत भी झूठी
अब किसी पर
भरोसा क्या करना
प्यार मरता नहीं
प्यार कभी झुकता नहीं
हम तो बस यही कहेंगे
प्यार है प्यार था प्यार रहेगा
साथ क्यों नहीं देते
प्यार में लोग
यह सोच कर
घबराता है दिल मेरा
वफा में कब तक
हम आंसू पिएंगे
तेरी विरह में
अब तक जिंदा हूं
तुझसे दिल लगाने की
हम ने क्या
खूब सजा पाई है
प्यार झूठा
मोहब्बत भी झूठी
अब किसी पर
भरोसा क्या करना
प्यार झूठा
मोहब्बत भी झूठी
अब किसी पर
भरोसा क्या करना।
संजय कुमार सुमन
चौसा,मधेपुरा