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अब घर-घर जाकर वायरल फीवर के मरीजों को ढूंढ रही है आशा कार्यकर्ता

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गोपालगंज/ जिले में वायरल फीवर और जेई-एईएस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। इससे निपटने को लेकर स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक तैयारी की गयी है। सदर अस्पताल में पीकू वार्ड में डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है। ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गयी है। इसी कड़ी विभाग ने पहल शुरू करते हुए अब घर-घर मरीजों की खोज शुरू कर दी है। वायरल फीवर और जेई- एईएस के मरीजों की घर-घर जाकर खोज की जा रही है। जिलाधिकारी डॉ. नवलकिशोर चौधरी के निर्देश पर जिले के हथुआ और बैकुंठपुर प्रखंड में डोर-टू-डोर सर्वे शुरू किया गया है। जिले के सभी प्रखंडों में सर्वे करने का निर्देश दिया गया है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर वायरल फीवर के मरीजों की पहचान कर रहीं है। लोगों से पूछताछ कर यह जानकारी जुटा रही है कि आपके घर में किसी की तबीयत खराब है या नहीं है तो क्या –क्या लक्षण है।

माइकिंग के माध्यम किया जा रहा है जागरूक: जिले में वायरल फीवर, चमकी बुखार और जेई से बचाव व उपचार के बारे में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रचार वाहन से माइकिंग कर जागरूक किया जा रहा है। लक्षणों की पहचान कर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करने तथा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराने की अपील की जा रही है। किसी भी बीमारी के लक्षण पहचानकर समय पर उपचार जरूरी है। अगर थोड़े समय में पांच से छह बार दस्त या उल्टी होने पर तुरंत ही डाक्टर को दिखाएं। घर पर ओआरएस का घोल व तरल पदार्थ देते रहें लेकिन इससे लाभ न होने पर लापरवाही न करें। बच्चा सुस्त रहे व आंख न खोले, पेट की चमड़ी में ढीलापन आए तो यह डिहाइड्रेशन के लक्षण हैं।

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वायरल फीवर, जेई- मलेरिया और डेंगू के मिल रहें मरीज: सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि जिले में वायरल फीवर के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया के मरीज मिल रहें है। जिले में जेई के मरीज की पुष्टि की गयी है। इसके लिए बच्चों का ब्लड सैंपल पटना जांच के लिए भेजा गया था।जिसमें जेई की पुष्टि हुई है। इस स्थितियों ने निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। जिले में आवश्यक दवाओं व व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ हीं जागरूकता अभियान भी शुरू कर दिया गया है। सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में सभी व्यवस्था उपलब्ध है। चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती की गयी है।

इन बातों का रखें ख्याल
• घर के बाहर तेज धूप या तेज बारिश में जाने से बचाएं।
• पानी उबालकर पिलाएं।
• फास्ट फूड व जंक फूड खाने से बचाएं।
• सड़े गले या अधिक पके फल न खिलाएं।
• हमेशा घर का बना ताजा व तरल भोजन ही खिलाएं।
• सत्तू, दलिया, उपमा, दूध-केले, थोड़ा दही, ओआरएस पावडर आदि दें।
• मच्छरों से बचाने के लिए पूरी बांह के कपड़े व सोते समय मच्छरदानी लगाएं।
• बच्चे को पानी की कमी न होने दें।

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