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मधेपुरा : बाढ़ पीड़ितों के समक्ष उत्पन्न हो गई है भारी परेशानी, जता रहे है आक्रोश

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ब्रजेश कुमार/आलमनगर,मधेपुरा/ प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ का कहर दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है .सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों के समक्ष भारी परेशानी उत्पन्न हो गई है वहीँ कई सड़क पर दो से तीन फीट पानी बहने से आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है ।

प्रखंड क्षेत्र के आठ पंचायतों में बाढ़ का कहर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है एवं नए जगह पर बाढ़ का पानी फैल रहा है जिससे लोगों के समक्ष भारी परेशानी आ गई है .आलमनगर सोनामुखी सड़क के पोडा़ टोला के पास दो से 3 फीट सड़क पर पानी बह रही है वहीँ हरजोडा़ मारवाड़ी वासा के बीच पड़ने वाली सड़कों पर पानी चढ़ने से आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है साथ ही सैकड़ों गांव का सड़क संपर्क भंग हो जाने से लोग जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे आवागमन करने के लिए मजबूर है .प्रखंड क्षेत्र के खापुर पंचायत के दो कठिया टोला के घरों में पानी आ जाने से लोग बाढ़ आश्रय स्थल में शरण लिए हुए हैं परंतु प्रशासन द्वारा अभी तक बाढ़ पीड़ितों का सुधि नहीं लेने से लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है.

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दो कठिया टोला के शनीचरी देवी, लीला देवी ,बसया देवी, अशोक ऋषि देव ,रामदेव ऋषि देव, मानस ऋषि देव ,बुद्धन ऋषि देव ने बताया कि पिछले 2 दिनों से घरों में पानी आ जाने के कारण बाढ़ आश्रय स्थल में रह रहे हैं परंतु प्रशासन द्वारा अभी तक हम लोगों का सुधि लेने कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. इन लोगों ने बताया कि जलावन डूब जाने से खाना बनाना मुश्किल है. हम लोग किसी तरह भूखे प्यासे रहकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं परंतु प्रशासन द्वारा ना तो अभी तक नाव की व्यवस्था की गई है ना ही राशन उपलब्ध कराया गया है वहीँ खापुर पंचायत के मुखिया मुकेश कुमार मुन्ना ने दो कठिया टोला के बाढ़ पीड़ित को प्रशासन से अबिलंब नाव एवं बाढ़ पीड़ितों को सूखा राशन सहित खाना का व्यवस्था करने की मांग की है.

रतवारा पंचायत के छतौना वासा एवं मुरोत के शिव मंदिर टोला में सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों के समक्ष भारी परेशानी है .कुछ लोग अपने घरों में ही मचान बनाकर शरण लिए हुए हैं वही कुछ लोग ऊंचे जगह पर तंबू गाड़ कर शरण लेने को मजबूर हैं परंतु अभी तक प्रशासन द्वारा इन बाढ़ पीड़ितों का सुधि लेना मुनासिब नहीं समझा गया है जिससे बाढ़ पीड़ित खासे आक्रोशित हैं .वहीं जहां प्रशासन द्वारा 33 नाव चलाने की बात कहीं जा रही है परंतु प्रखंड के आठ पंचायतों में बाढ़ का भयावह स्थिति को देखते हुए 33 नाव नाकाफी साबित हो रही है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन के लिए विवश हैं।

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