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हाल- ए- मधेपुरा मेडिकल कॉलेज ! वेंटिलेटर पर तड़पते मरीज के परिजन ने जब लगाया फोन, डॉक्टर ने कहा.. अरे बाबु हम तो खुद  सिरियस हैं

कोसी टाइम्स के स्टिंग ऑपरेशन में मेडिकल कॉलेज की खुली पोल

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प्रशांत कुमार/मधेपुरा/ जन नायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज प्रशासन केवल लापरवाह है. उन्हें यहाँ के मरीजों के इलाज से कोई वास्ता नही है. चिकित्सक मरीज की सुनते नही है और अगर सुनते है तो कहते है मुझे क्यों फोन किया ? जी हाँ अप सही पढ़ और सुन रहे है. ये खुलासा तब हुआ है जब कोसी टाइम्स ने इसकी पड़ताल अपनी जान को हथेली पर रखकर मेडिकल कॉलेज में तीन घंटे तक आधी रात स्टिंग किया. इस स्टिंग में मेडिकल कॉलेज की पूरी तरह से कलई खुल गयी और प्रिंसिपल डॉ गौरीकांत मिश्रा ,डीएम श्याम बिहारी मीणा , अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश और के हर दावे केवल हवा हवाई साबित हुए.

यहाँ अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी किये गये रोस्टर के अनुसार कोई भी काम सही से नही होता है . रोस्टर में अगर चार चिकित्सकों का नाम है तो तीन गायब है. कोसी टाइम्स ने मंगलवार को दो शिफ्ट का बड़े बारीकी से पड़ताल किया. अपराह्न दो बजे से दस बजे रात्रि तक के चार चिकित्सकों की ड्यूटी है जिसमे क्रमशः डॉ लक्ष्मण कुमार, डॉ जाहिद ,डॉ आलोक निरंजन ,डॉ अभिषेक आनंद है.इन सबों की तैनाती अपराह्न दो बजे से रात्रि के दस बजे तक का है.इसमें से जब मरीज के परिजन बनकर चिकित्सक को बुलाने हेतु कॉल किया गया तो डॉ लक्ष्मण ने कहा ….

कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है .                  डॉ लक्ष्मण : जी बोलिए ….अच्छा मेडिकल कॉलेज मधेपुरा से बोल रहे है .                                                  कोसी टाइम्स : जी सर , एक बार आया जायं न मेरे मरीज का हाल बहुत बुरा है                                            डॉ लक्ष्मण : हम खुद पॉजिटिव है ,मेरे घर पर सब पॉजिटिव है,हम छुट्टी पर है ,मेरा बच्चा ,वाइफ सब पॉजिटिव है,हमने सर लोग को बताया है सब रिपोर्ट भेजा हुआ है सर लोग को ,सब जानते है हम खुद इलाजरत है.

इसी तरह दुसरे डॉक्टर डॉ जाहिद से जब बात किया गया तो उन्होंने कहा ….
कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है .               डॉ जाहिद : अच्छा कौन बोल रहे है ,ओ …अरे बाबु हम तो खुद AIMS में है.हम खुद बहुत सीरियस है .वहां बोली न नर्स लोग को एनेथेसिया वाले को बुलाएँगे.                                                                                    कोसी टाइम्स : सर आपका नाम और नंबर आज के रोस्टर में दिया हुआ है.                                               डॉ जाहिद : अरे बाबू हम खुद बहुत सिरियस है.                                                                                    कोसी टाइम्स : जी ठीक है ,मुझे नही पता था सर कि आप बीमार है.                                                        डॉ जाहिद : अच्छा कोई बात नही

इसी तरह तीसरे डॉक्टर डॉ आलोक निरंजन से जब बात किया तो वो क्या कुछ बोले यहाँ देखिये …

कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है . हाथ फुल गया है ,मरीज तरप रही है                                                                                                                        डॉ आलोक : अच्छा ,क्या नाम है…कितना बेड न है ?                                                                                   कोसी टाइम्स : जी राकेश नाम है,चौथा तल्ला पर है, बेड न 4104 है..आइये न सर देख लीजिए न एक बार     डॉ आलोक : देख के क्या , सिस्टर को बोलिए न एनेसथेसिया वाले को बुलाएगी.

इसी तरह इस शिफ्ट के चौथे डॉक्टर डॉ अभिषेक आनंद से बात की गयी तो उन्होंने क्या कुछ कहा देखिये …

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कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है . हाथ फुल गया है ,मरीज तरप रहां है                                                                                                                          डॉ अभिषेक : अरे तो आप हमको क्यों कॉल किये है,वहां स्टाफ है उसको बोलिए                                           कोसी टाइम्स : कौन है सर ,यहाँ कोई नही है                                                                                             डॉ अभिषेक : नही पता है हमको कौन बैठे है, और फोन कट

 

दस बजे रात के बाद जब दूसरी शिफ्ट शुरू हुई तो हमने उसका भी पड़ताल किया .इस शिफ्ट में रोस्टर के अनुसार तीन चिकित्सक क्रमशः डॉक्टर लक्ष्मण , डॉ सुनील और डॉ प्रेम प्रकाश तैनात किये गये थे. डॉ लक्ष्मण से तो हमने पूर्व के शिफ्ट में बात किया ही था जो खुद इलाज करवा रहे थे.अन्य दो स भी मरीज का परिजन बन हमने उनसे बात किया उसन क्या कुछ कहा देखिये –

कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है . हाथ फुल गया है ,मरीज तरप रही है .                                                                                                                        डॉ सुनील : खांसते हुए , हम तो खुद परेशान है ,मेरे घर पर सब पॉजिटिव है.हम छुट्टी ले लिए है .मेरे घर पर सब पॉजिटिव है .

इसी तरह डॉ प्रेम से बात करने पर क्या कुछ कहा सुनिए

कोसी टाइम्स : हेलो डॉक्टर साहब ,एक बार आइये न मेरे मरीज का हाल बहुत खराब हो गया है . हाथ फुल गया है ,मरीज तड़प रही है                                                                                                                            डॉ प्रेम : कहाँ है आपका मरीज ,                                                                                                                कोसी टाइम्स : सर चौथा फ्लोर पर                                                                                                           डॉ प्रेम : अच्छा ,सिस्टर वहीँ होगी बोलिए न …

थोड़े देर बाद डॉ साहब ने कॉल बेक किया और कन्फर्म हुए ,फिर उन्होंने नर्स को कहा हाँ वहीँ मरीज है जाके देख लीजिए.लेकिन खुद मरीज के पास नही गये.

इस तरह से दो शिफ्ट का हमने पड़ताल किया जिसमे कुल सात डॉक्टर तैनात थे लेकिन उसमे बस दो चिकित्सक वहां मौजूद थे बाकी पांच किसी न किसी कारण  से गायब थे और जो दो उपस्थित थे वो किसी भी तरह से नर्स तक तो पहुंचे लेकिन मरीज तक नही पहुँच पाए.

इस सम्बन्ध में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ राकेश से बात की गयी तो उन्होंने कहा जो भी लोग अनुपस्थित होंगे उसका हाजरी काटा गया है.जो लोग गायब रहेंगे उसपर कार्रवाई होगी.गायब रहने वाले को बख्शा नही जायेगा.वही प्राचार्य ने कहा कि अगर इस तरह का मामला है तो ये लापरवाही का मामला है. अनुपस्थित चिकित्सकों से शो- कॉज पूछा जायेगा और कार्रवाई की जाएगी.

बड़ा सवाल है क्या हवा हवाई के लिए रोस्टर बना दिया गया है ? क्या मरीज का वहां कोई सुनवाई नही है. अगर चिकित्सक छुट्टी पर है या बीमार है तो क्यों उनका नाम रोस्टर में दिया गया है. जब चिकित्सक मरीज तक नही पहुँच पाते है तो उसका इलाज कैसे संभव हो पाएगा ? अगर नर्स ही सब कुछ कर ले रही है या उन्ही को सब कुछ करना है तो चिकित्सक किस लिए तैनात किये गये है ?

 

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