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मंदिर बंद होने के बावजूद लोग गेट पर चढ़ाते रहे फुल, सड़क पर बहने लगा दूध

जानकारी के आभाव में पुर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

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शुशांत कुमार /सिंहेश्वर, मधेपुरा/ देवाधिदेव महादेव के भक्तों के आगे कोरोना वायरस की एक नही चली. आषाढ की पुर्णिमा को बाबा सिंहेश्वर नाथ का मंदिर बंद रहने के बावजूद भाड़ी भीड़ ने अधिकारियों के हाथ पाव फुला दिया. वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सावन भादो के महिने में श्रद्धालुओं की भीड को ध्यान में रखते हुये दो माह के लिए मंदिर को बंद कर चारों तरफ बांस बल्लों सहित अन्य सामानों से सिल कर दिया. लेकिन बाबा मंदिर के सिंह द्वार पर श्रद्धालुओं की भीड बाहर से पुजा करने लगी. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का भी ख्याल नही रखा गया.

मास्क न तो श्रृद्धालु के चेहरें पर और ना ही पुजा कराने वाले पंडा जी के चेहरें पर नजर आ रहा था. वहीं गेट पर ही फल, फुल, बेलपत्र और दुध सहित अन्य पुजन सामग्री चढ़ाने के कारण काफी मात्रा में दुध सडक पर बह रहा था. जिस वजह से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला. श्रद्धालु मंदिर की खुली खिड़की से जल फुल चढा रहे थे. वहीं वाय पास में सड़क किनारें ही फुल दुकान सजी हुई थी. जबकि पंडा निवासी में गाड़ी पुजन, मुडन संस्कार का केन्द्र बन गया था. मिला जुला के मंदिर के आसपास सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ाते श्रद्धालु और पुजारी नजर आ रहे थे.

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वहीं कुछ लोगों नाग गेट के पास भी पुजा करने लगे. दंडप्रणामी देने वाले श्रृद्धालु शिवगंगा पर जाने के लिए अधिकारी और कर्मचारी से गुहार लगाते रहे. वहीं कई श्रद्धालुओं को जब इस तरह से पुजा करने के लिये मना किया गया तो वो उलझ रहे थे. कई श्रद्धालुओं ने बताया कि उनलोगों ने मन्नत मांगी थी इसलिये वो पुजा अर्चना करने पहुंचे थे. श्रद्धालुओं को कितना भी मना करने पर कोई मानने वाले नही थे. इसकी जानकारी मिालने पर बीडीओ राजकुमार चौधरी और सीओ अनिल कुमार सिन्हा, न्यास सदस्य विजय सिंह भी लोगों को समझाने पहुंचे. लेकिन पुलिस बल की कमी के वजह से कोई कुछ भी कर पाने में अपने आप को असहज महशुस कर रहा था.

वहीं दुसरी तरफ मंदिर गेट पर चढ़ाये जाने वाले दुध पर पैर पड़ने के को लेकर स्थानीय लोग काफी आक्रोशित थे. लोगों ने न्यास प्रशासन पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया. लोगों ने यह भी कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन भी दुर नही जब श्रद्धालु बाबा मंदिर आने से कतराने लगेंगे. यह भी बताया गया कि लोगों को मंदिर बंद होने की सुचना नही मिलने के वजह से हजारों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न वाहनों से बाबा दरबार पहुंचे थे. कई लोगों ने तो यह भी कहा कि जिला प्रशासन और न्यास प्रशासन मंदिर सील करने के फैसले के बाद अपने जिम्मेवारी से पिछे हट रही है. मंदिर सील करने के बाद और क्या तैयारियां करनी चाहिये इसे भुल गई.

तीन घंटे तक लगा रहा जाम- देवाधिदेव महादेव की पुजा अर्चना करने आये श्रद्धालुओं सहित इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों के कारण एनएच 106 लगभग तीन घंटे तक पुरी तरह से जाम हो गया था. लोग उमस भरी गर्मी में जाम में मजबुरन घंटो फंसे रहे. लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुये कहा कि काफी कम संख्या में सड़क पर पुलिस बल होने के वजह से लंबी जाम लगी है. अगर पर्याप्त पुलिस बल सड़क पर होती तो ऐसी भीषण जाम सड़क पर नही लगती.

भीड़ को देखते हुये बीडीओ ने करवाये कार्य- महादेव की पुजा अर्चना के श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुये बीडीओ राजकुमार चौधरी ने दोनों दक्षिण और उत्तर गेट को चदरें से घेरवा दिया है. साथ ही मंदिर की खुली सभी खिड़की को भी बंद करवा दिया गया है. जिसके बाद अब बाहर की ओर से पारदर्शिता समाप्त हो गई है. वहीं पांच नये जगह पंडा निवास, हाथी गेट, सत्तु गली, बरगाछी, नारियल विकास बोर्ड के पास बेरिकेटिग करने का आदेश दे दिया है. और सभी बेरिकेटिंग पर पुलिस बल की तैनाती किये जाने की बात कही. जबकि यह भी बताया कि लगातार माईकिंग कर लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा की सभी अपने घर में ही पुजा अर्चना करें.

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