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सीबीएससी की 10 वीं परीक्षा में चौसा की स्वाति,हिमांशु एवं प्रीतम ने स्कूल में किया टॉप ,घर में खुशी का माहौल

चौसा के तीन लाल स्वाति,हिमांशु एवं प्रीतम,तूने कर दिया कमाल

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संजय कुमार सुमन@मधेपुरा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं परीक्षा के परिणाम जारी कर दिए हैं। चौसा के कई बच्चों ने बेहतर परिणाम हासिल किए हैं।कहते हैं आज दुनिया में हर व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है लेकिन सफल वही होता है जो अपनी ज़िंदगी में आने बाली किसी भी कठिनाई से ना डरे और उनका जमकर सामना करे तभी व्यक्ति अपनी ज़िंदगी में सफलता प्राप्त करता है।जो लोग अपने मन में ठान लेते है की हमे सफल होना है तो वो एक दिन ज़रूर सफलता को हासिल कर लेते है।इसी सफलता की पहली मंजिल को तय किया है चौसा के स्वाति,हिमांशु एवं प्रीतम ने।स्वाति ने सीबीएससी 10 वीं की परीक्षा में सर्वोत्तम 442 अंक लाकर 88.4 प्रतिशत से प्रथम श्रेणी से पास किया है।हिमांशु ने 466 अंक लाकर 93.2 प्रतिशत से प्रथम स्थान लेकर पुर्णिया जिले में सातवां स्थान लाया है जबकि भवनपुरा बासा के प्रीतम कुमार प्रिंस ने 399 अंक लेकर 80 प्रतिशत से प्रथम श्रेणी पास किया है।परीक्षा पास करने की खुशी में बच्चे फूला नहीं समा रहे है। घर में उत्सव का माहौल दिख रहा है और वे अपने इस परिणाम का श्रेय माता-पिता एवं गुरुजनों को दे रहे है।स्वाति के पिता सत्यप्रकाश गुप्ता विदुरजी व्यवसायी, माँ सुधा गुप्ता गृहणी हैं,हिमांशु के पिता मनोज कुमार भारती व्यवसायी माँ पिंकी कुमारी आँगनवाड़ी केंद्र की सेविका है जबकी प्रीतम के पिता प्रमोद पासवान, माँ बीना कुमारी दोनों पेशे से शिक्षक हैं।


अद्वैत मिशन उच्च विद्यालय मंदार में पढ़ाई कर रही स्वाति बताती हैं कि मेहनत के बाद ही सफलता मिलती है। सफलता के बाद ही खुशियां मिलती है।जो हमने किया है।मैं अपने हर विषय को गम्भीरता से लेती रही यही कारण है कि सभी विषयों में मुझे अंक मिला।मैं डॉक्टर बनना चाहती हूँ।पूज्य बापू गांधी जी के विचारों को आत्मसात करते हुए डॉक्टर बन कर समाजसेवा करना चाहती हूँ।वे कहती हैं कि मजिल उन्ही को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से ही उड़ान होती है।

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इसी विद्यालय में पढ़ रहे प्रीतम कहते हैं कि ज़िंदगी कि असली उड़ान बाकी है। जिंदगी के कई इम्तिहान अभी बाकी है।अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन हमने। अभी तो सारा आसमान बाकी है।मैं डॉक्टर बनना चाहता हूँ।यही मेरा लक्ष्य है।


बिजेंद्रा पब्लिक स्कूल पुर्णिया में पढ़ाई कर रहे हिमांशु ने बताया कि सफलता एक दिन में नहीं मिलती,मगर ठान लो तो एक दिन ज़रूर मिलती है।कामयाब लोग अपने फेसले से दुनिया बदल देते हैं और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फेसले बदल लेते हैं।हर इंसान अपने जीवन में कामयाबी पाना चाहता है जिसकी वजह से वह अपने जीवन में बहुत स्ट्रगल करता है बहुत मेहनत करता है, तब जाकर उसे कामयाबी मिलती है।एक सवाल के जवाब में हिमांशु बताते हैं कि मैं इंटर के बाद सिविल सेवा की तैयारी करूंगा।यही मेरा पहला औऱ आखिरी लक्ष्य है।


स्वाति,हिमांशु एवं प्रीतम की इस सफलता पर वासुदेव गुप्त,शिक्षक गौतम कुमार गुप्त, माला कुमारी कंचन, सत्यप्रकाश गुप्ता विदुरजी, सुधा गुप्ता,शिवम कुमार,शिवानी कुमारी, युवा समाजसेवी अभिनंदन मंडल,मनौवर आलम, तारिणी पासवान, प्रमोद पासवान, बीना रानी,सुमित्रा देवी,सामाजिक शैक्षणिक कल्याण संघ के अध्यक्ष याहिया सिद्दीकी,सचिव संजय कुमार सुमन,जवाहर चौधरी,आशीष कुमार,राहुल यादव,कुमार साजन,संजय कुमार, इमदाद आलम,नौशाद आलम,मनोज कुमार भारती,पिंकी कुमारी,भालचंद्र मंडल,शेफाली कुमारी, प्रेरणा कुमारी आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए स्वाति एवं प्रीतम को बधाई दी है।

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