Kosi Times
तेज खबर ... तेज असर

ये हमारा Archieve है। यहाँ आपको केवल पुरानी खबरें मिलेंगी। नए खबरों को पढ़ने के लिए www.kositimes.com पर जाएँ।

- sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

बीएनएमयू कुलपति को भागलपुर विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार

- Sponsored -

मधेपुरा

 

बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के कुलपति की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। इस संबंध में राजभवन सचिवालय द्वारा पत्रांक : टीएमबीयू -11/2017-2746 जीएस (1) दिनांक 14. 9. 2019 जारी किया गया है।

मालूम हो कि डाॅ. राय ने 29 मई, 2017 को बीएनएमयू के कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। इसके पूर्व वे तीन वर्षों तक तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्रति कुलपति रह चुके हैं। यह अपने आपमें पहला अवसर है, जब भागलपुर विश्वविद्यालय में ही पढ़े, यहीं शिक्षक बने, यहाँ के प्रति कुलपति रहे और अब कुलपति भी बनाए गए हैं।

डाॅ. राय की शिक्षक के रूप में क्रांति रही है। ये लगभग 40 वर्षों से शिक्षण एवं शोध से जुड़े हुए हैं। इन्होंने लगभग 125 शोध आलेख, दो दर्जन रिव्यू आर्टकिल और एक दर्जन से अधिक किताबें लिखी हैं। इन्होंने जर्मनी, इंडोनेशिया, श्रीलंका आदि देशों की यात्राएँ की हैं।

विज्ञापन

विज्ञापन

बी. एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के कुलपति की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है। राजभवन सचिवालय के पत्रांक : टीएमबीयू-11/2017, दिनांक 14. 9. 2019 जारी किया।

मालूम हो कि डाॅ. राय ने 29 मई, 2017 को बीएनएमयू के कुलपति का पदभार ग्रहण किया था। इसके पूर्व वे तीन वर्षों तक तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्रति कुलपति और बायोइन्फार्मेटिक्स विभाग के डायरेक्टर रह चुके हैं। यह अपने आपमें पहला अवसर है, जब भागलपुर विश्वविद्यालय में ही पढ़े, यहीं शिक्षक बने, यहाँ के प्रति कुलपति रहे और अब कुलपति भी बनाए गए हैं।

शैक्षणिक उपलब्धियाँ
डाॅ. राय की शिक्षक के रूप में काफी ख्याति रही है। बी एससी एम एससी पीएचडी की डिग्री तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से प्राप्त की है। ये इस विश्वविद्यालय क स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग लगभग में 40 वर्षों से शिक्षण एवं शोध से जुड़े हुए हैं। इन्होंने लगभग 150 शोध आलेख, दो दर्जन रिव्यू आर्टकिल और एक दर्जन से अधिक किताबें लिखी हैं। इनके मार्गदर्शन में 35 विद्यार्थियों ने पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। इन्होंने जर्मनी, इंडोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया आदि देशों की शैक्षणिक यात्राएँ की हैं।

पुरस्कार एवं सम्मान
डाॅ. राय को वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने प्रतिष्ठित इमरेट्स फेलोशिप देकर सम्मानित किया। इसके पूर्व इन्हें प्रोफेसर वाई. एस. मूर्ति गोल्ड मेडल (इंडियन बाॅटनिकल सोसाइटी, 1989), जीरसानिधि लेक्चर अवार्ड (इंडियन पायथोपेथो सोसाइटी, 2002), वेस्ट टीचर अवार्ड (तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर 2009), प्रोफेसर एस आर बोस मेमोरियल लेक्चर अवार्ड, इ जे बटलर मेमोरियल अवार्ड (आईएमएस, कोलकाता 2009) भी मिल चुका है।ओआईयूसीएम, श्रीलंका ने इन्हें नवंबर 1997 में डी एससी की उपाधि दी है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि
डाॅ. राय का जन्म एक जनवरी 1950 को सोनवर्षा, बिहपुर (भागलपुर) के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता रामस्वरूप राय एक किसान और माता चंदा देवी धार्मिक महिला थीं। इन्होंने अपनी मेहनत, लगन एवं प्रतिबद्धता के बल पर यह मुकाम हासिल किया है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

आर्थिक सहयोग करे

- Sponsored -

Comments
Loading...