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BNMU : 24 वें कुलपति के रूप में प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने लिया योगदान

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मधेपुरा/ मैं शिक्षक था, शिक्षक हूँ और शिक्षक ही रहूँगा। मैं इस विश्वविद्यालय की सेवा में हूँ और आगे भी सेवा करता रहूँगा। यह बात कुलपति प्रोफेसर डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने कही। वे शुक्रवार को विश्वविद्यालय के 24 वें कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद प्रेस से बातचीत कर रहे थे। इसके पूर्व कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर में भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, महात्मा गाँधी और डाॅ. महावीर प्रसाद यादव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

कुलपति ने कहा कि वे महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान साहेब के आभारी हैं। उन्होंने मुझे कुलपति की जिम्मेदारी देकर हमारे ऊपर उपकार किया है। मैं हमेशा महामहिम के निदेशों के अनुरूप कार्य करूँगा। हमेशा विश्वविद्यालय के हित में काम करता रहूँगा।

कुलपति ने कहा कि वे वे सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के सहयोग से कार्य करेंगे। सबों की बातें सुनेंगे और सबों को साथ लेकर विश्वविद्यालय को आगे ले जाने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए खुलता है। हमारी पहली एवं अंतिम प्राथमिकता विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान है। विद्यार्थियों का शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक विकास हो।विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो। विद्यार्थियों का कल्याण हो। विद्यार्थियों को परेशान नहीं होना पड़े।

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कुलपति ने कहा कि सुचारू कक्षा, स्वच्छ परीक्षा और ससमय परिणाम उनकी प्राथमिकता है। इसके लिए हम हरसंभव प्रयास करेगा। इस बात का विशेष प्रयास किया जाएगा कि एक भी रिजल्ट पेंडिंग नहीं हो। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि पेंडिंग रिजल्ट की समस्या हो ही नहीं। इसके लिए पहले से ही सतर्कता बरती जाएगी। मूल्यांकन के दौरान ही विशेष सावधानी बरती जाएगी।लॉकडाउन में भी कुछ परीक्षाएँ संचालित करने का प्रयास किया जाएगा। इस हेतु विभिन्न विकल्पों पर विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएँगे।

कुलपति ने कहा कि सभी स्नातकोत्तर विभागों में राज्य सरकार से पदसृजन हेतु प्रयास किया जाएगा। जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन, योगा थेरेपी, स्ट्रेस मैनेजमेंट एवं डिजास्टर मैनेजमेंट और एमबीए, एमसीए एवं एमए गाँधी विचार की शुरुआत की जाएगी। पी-एच. डी. एवं स्नातकोत्तर में एलायड सब्जेक्ट में भी नामांकन का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए विश्वविश्वविद्यालय का आत्मबल मजबूत किया जाएगा और राज्य सरकार एवं राजभवन से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय और उनके महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन हेतु प्रयास किया जाएगा। शोध एवं शिक्षण को गति देना, उनकी प्राथमिकता होगी। रिसर्च मेथडलाॅजी 2019 के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित की जाएगी। पीएटी- 2020 के आयोजन का प्रयास किया जाएगा।कुलपति ने कहा कि अतिथि व्याख्याताओं की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे।

कुलपति को प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, पूर्व प्रति कुलपति डाॅ. जयप्रकाश नारायण झा, वित्तीय परामर्शी सुरेशचंद्र दास, डीएसडब्लू डॉ. अशोक कुमार यादव, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, पूर्व सिंडिकेट सदस्य डाॅ. परमानंद यादव, पूर्व संकायाध्यक्ष डाॅ. एच. एल. एस. जौहरी, सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान, कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद, डाॅ. आर. के. पी. रमण, शिक्षक संघ के अध्यक्ष डाॅ. सुभाष प्रसाद सिंह एवं महासचिव डाॅ. अशोक कुमार यादव, डाॅ. अरुण कुमार खां, डाॅ. नरेश कुमार, डाॅ. एम. आई. रहमान, डाॅ. संजीव कुमार, डाॅ. के. एस. ओझा, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शम्भू नारायण यादव, डाॅ. राजेश्वर राय, संतोष कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों ने बधाई दीं।

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