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अररिया : संयुक्त परिवार सुखी परिवार विषय पर संगोष्ठी आयोजित कर मनाया गया विश्व परिवार दिवस

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राजा वर्मा@जोगबनी

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फारबिसगंज शहर के द्विजदेनी स्मारक उच्च विद्यालय परिसर में बिहार बाल मंच फारबिसगंज के द्वारा “विश्व परिवार दिवस” हर्षौल्लास पूर्वक बुधवार को मनाया गया। जिसकी अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमन्त यादव ” शशि ” ने की। “संयुक्त परिवार सुखी परिवार” विषय पर आयोजित संगोष्ठी पर बच्चों को संबोधित करते हुए श्री यादव, हर्ष नारायण दास, विनोद कुमार तिवारी ने कहा कि आज के युग में मानव के पास अपने पूर्वजों के उत्तराधिकार के रूप में यदि कोई निधि है तो वह है एक परिवार। परिवार मानव की वह संस्था है जिसकी स्थापना उसने सृष्टि के प्रारम्भिक क्षणों में सभ्यता के उदय के साथ- साथ की थी। वक्ताओं ने कहा कि एक साथ मिलजुलकर रहने, एकसाथ भोजन करने में कितना आनन्द है वही लोग जानते हैं जो परिवार में संगठित होकर जीते हैं परन्तु आज उसका स्वरूप अनियंत्रित और अव्यवस्थित होता जा रहा है।
आधुनिक परिवार में पति-पत्नी और उनके दो-चार बच्चे का सुखी सम्पन्न रहना आदर्श परिवार कहलाता है।परिवार का मुखिया अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में रखना उचित समझते हैं। उन्हें अपने परिवार में माता- पिता का रहना अनुचित लगता है। वे इसे बाधा, बोझ, मुसीबत समझते हैं। यद्यपि माता-पिता के रखने से बाल-बच्चे संस्कारी बनते हैं। उनका देखभाल बहुत अच्छी तरह से होता है। समाज में अब संयुक्त परिवार बहुत कम दिखते हैं,जहाँ की दादा-दादी के रहने से बच्चों का देखभाल और भरण-पोषण बहुत अच्छी तरह से होता है। दादा-दादी विहीन परिवार में बच्चों का कोई भी विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाता है। आजकल पति-पत्नी दोनों नौकरी करने लगे हैं तो उनके साथ बहुत ज्यादा कठिनाई होती है। इसलिए बहु को सास-श्वसुर को घर से बाहर जाने , वृद्धाश्रम जाने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए।

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