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एम वेंकैया नायडू होंगे बीजेपी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार

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बीजेपी ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की यहां हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संसदीय दल के बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी ने सर्वसम्मति से नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। एनडीए के सभी दलों ने नायडू के नाम पर सहमति जताई है।’

कल सुबह 11 बजे करेंगे नामांकन

 शाह ने कहा, ‘एनडीए के सभी दलों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। नायडू मंगलवार सुबह 11 बजे नामांकन करेंगे।’ उपराष्ट्रपति पद के लिए नायडू का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से होगा। शाह ने कहा, ‘नायडू बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। वह बचपन से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं। नायडू दो बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। उनका 25 साल से लंबा संसदीय कार्य का अनुभव है। नायडू 4 बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। किसान परिवार से आने वाले नायडू बीजेपी के सभी संगठनात्मक पदों पर काम करते हुए देश के केंद्रीय मंत्री तक बने।’

पीएम मोदी ने नायडू को सही उम्मीदवार बताया

पीएम नरेंद्र मोदी ने नायडू को उपराष्ट्रपति पद का फिट उम्मीदवार बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना है। नायडू के पास सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है।’आंकड़ों के हिसाब से नायडू का पलड़ा भारी

आंकड़ों के हिसाब से एनडीए के उम्मीदवार को जीतने में कोई दिक्कत पेश नहीं आने वाली है। अगर सबकुछ सही रहा तो नायडू देश के अगले उपराष्ट्रपति हो सकते हैं। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। अंसारी लगातार दो बार देश के उपराष्ट्रपति बने। नायडू का मुकाबला 18 विपक्षी पार्टियों के उपराष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी से मुकाबला होगा।बीजेपी की रणनीति के लिहाज से मुफीद

उपराष्ट्रपति पद के लिए नायडू बीजेपी के उपयुक्त उम्मीदवार हैं। उपराष्ट्रति के पास ही राज्यसभा के संचालन की भी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में बीजेपी की रणनीति के लिहाज से उनका नाम मुफीद बैठ रहा था। राष्ट्रपति पद के लिए उत्तर प्रदेश के रहने वाले रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा के बाद बीजेपी उपराष्ट्रपति पद के लिए दक्षिण से किसी उम्मीदवार की घोषणा करना चाहती थी। नायडू पार्टी के मानकों पर खरे भी उतर रहे थे। वह आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। बीजेपी इस दांव से दक्षिण में अपना आधार मजबूत करना चाहती है। कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां बीजेपी मजबूत स्थिति में है।

उपराष्ट्रपति पद के लिए नायडू और महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव का नामों के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन नायडू का नाम इस पद के लिए घोषित किया गया। नायडू के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद अब केंद्रीय कैबिनेट का जल्द ही विस्तार भी हो सकता है क्योंकि नायडू के पास दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी है।

 

 

 

 

 

 

बीजेपी के बड़े नेता और मोदी कैबिनेट के सदस्य वेंकैया नायडू उप राष्ट्रपति के उम्मीवार तक का सफर बड़ा-उतार चढ़ाव भरा रहा। छात्र राजनीति से वे राजनीति के मेन स्ट्रीम में आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मौजूदगी में हुई सोमवार को हुई भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में आगामी उप राष्ट्रपति चुनाव पद के लिए एनडीए उम्मीदवार के रूप में वेंकैया नायडू के नाम की घोषणा की गई है। इस बैठक में जेपी नड्डा ने वेंकैया नायडू के नाम का प्रस्ताव रखा। राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में ग्रेजुएशन करने वाले वेंकैया नायडू 1974 में आंध्र विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए।

वेंकैया नायडू का व्यक्तित्व 

वैंकेया का जन्म 1 जुलाई 1949 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के चावटपलेम के एक कम्मा परिवार में हुआ था। उन्होंने वीआर हाई स्कूल नेल्लोर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और वीआर कॉलेज से राजनीति तथा राजनयिक अध्ययन में ग्रेजुएशन पूरी की। उन्होंने ग्रेजुएशन प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और इसके बाद उन्होंने आन्ध्र विश्वविद्यालय, विशाखापत्तनम से लॉ की डिग्री हासिल की। 1974 में वह आंध्र विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुये। कुछ दिनों तक वे आंध्र प्रदेश के छात्र संगठन समिति के संयोजक भी रहे। वेंकैया नायडू की पहचान हमेशा एक आंदोलनकारी नेता के रूप में रही है। वे 1972 में ‘जय आंध्र आंदोलन’ के दौरान पहली बार सुर्खियों में आए। उन्होंने इस दौरान नेल्लोर के आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए विजयवाड़ा से आंदोलन का नेतृत्व किया। छात्र जीवन में उन्होने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा से प्रभावित होकर आपातकालीन संघर्ष में हिस्सा लिया। वह आपातकाल के विरोध में सड़कों पर उतर आए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आपातकाल के बाद वह 1977 से 1980 तक जनता पार्टी के युवा शाखा के अध्यक्ष रहे। वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का उतरदायित्व निभाया। वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रहे और वर्तमान में वे भारत सरकार के अंतर्गत शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन तथा संसदीय कार्य मंत्री है।

किन—किन पदों पर रहे वेंकैया नायडू

1973-1974: अध्यक्ष, छात्र संघ, आंध्र विश्वविद्यालय
1974: संयोजक, लोक नायक जय प्रकाश नारायण युवजन चतरा संघर्ष समिति, आंध्र प्रदेश
1977-1980: अध्यक्ष, जनता पार्टी की युवा शाखा, आंध्र प्रदेश
1978-85: सदस्य, विधानसभा, आंध्र प्रदेश (दो बार)
1980-1985: नेता, आंध्र प्रदेश भाजपा विधायक दल
1985-1988: महासचिव, आंध्र प्रदेश राज्य भाजपा
1988-1993: अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश राज्य भाजपा
1993 – सितंबर, 2000: राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय जनता पार्टी, सचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड, सचिव, भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति, भाजपा के प्रवक्ता
1998 के बाद: सदस्य, कर्नाटक से राज्यसभा (तीन बार)
1 जुलाई 2000 से 30 सितंबर 2002: भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री
5 अक्टूबर 2002 से 1 जुलाई 2004: राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
अप्रैल 2005 के बाद : राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी
26 मई 2014 : शहरी विकास और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री

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