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एक्सक्लूसिव : मधेपुरा में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना बनी लूट की योजना, मुखिया और पंचायत सचिव के मिलीभगत से हुआ लाखों का गबन

जमीन तो दूर कागज पर भी नहीं हुआ काम लेकिन निकाल लिए गए लाखों की राशि

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मधेपुरा/ मधेपुरा में सीएम की महत्वाकांक्षी सात निश्चय योजना लूट की योजना बन गयी है. पहले तो इसके काम के गुणवत्ता पर सवाल उठता था लेकिन मधेपुरा के कुमारखंड प्रखंड में बिना योजना और काम के ही लाखों की निकासी कर ली गयी है. प्रशानिक शिथिलता का आलम यह है कि निकासी के सालों बाद भी कार्रवाई के स्थान पर जाँच ही चल रही है.

जी हाँ मधेपुरा जिला के कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत इसराइन कला पंचायत में विकास योजनाओं को घोटालेबाजों की नज़र लग गयी है.यहाँ सरकार की विकास योजना लुट की योजना बनी है. सिर्फ सात निश्चय योजना में से पंचायत सचिव ने 38 लाख 47 हजार रुपये अपने निजी खाते में लेकर गबन कर लिया है . यह वह राशी है जिसे शुरूआती जाँच में ही पकड़ा गया है जबकि यहाँ के लोग करोड़ों के गबन का आरोप लगाते हैं.इस आरोप में मुखिया और पंचायत सचिव पर थाने में केस भी दर्ज कराया गया जा चूका है लेकिन महीनों बाद भी न तो कोई गिरफ्तारी हुई है न ही कोई कार्रवाई .लोगों का आरोप है कि मुखिया अब भी धरल्ले से विकास योजनाओं का पैसा निकाल रहे हैं.

यहाँ घोटाला सिर्फ एक योजना में नहीं है.लोग बताते हैं कि पंचायत में कई योजना शुरू भी नही हुई उसका भी पैसा निकाल लिया गया लेकिन जमीन पर वर्षों बाद भी पूरा नहीं हुआ. सात निश्चय योजना में हुई इस बड़ी हेरा-फेरी या गबन के सम्बन्ध में जब जिले के पंचायती राज पदाधिकारी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि चुकी मुखिया ने अपने फर्जी हस्ताक्षर से पैसे की निकासी की बात कही है इसलिए उनके हस्ताक्षर को  फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा गया है. साथ ही मुखिया और पंचायत सचिव पर सर्टिफिकेट केस के साथ एफआईआर भी किया गया है.उन्होंने बताया की पंचायत की सभी विकास योजनाओं की जाँच चल रही है जिस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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इस सम्बन्ध में उप मुखिया पति रविन्द्र ठाकुर ने कहा कि मुखिया और पंचायत सचिव के मिलीभगत से करोड़ो की राशि निकाली गयी है.उनके उपर मामला भी दर्ज हो चूका है लेकिन अब भी वो बेधरक चेक काट राशी का निकासी कर रहा है.इस सम्बन्ध में उन्होंने जिला प्रशासन से अविलम्ब कार्रवाई की मांग किया है.

बहरहाल गावों की सूरत बदलने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 निश्चय योजना चलाया. इस योजना से गावं और गावं वालों का कितना भला हुआ यह तो सरकारी आंकड़ों में दिखता है लेकिन जमीन पर इस योजना ने घोटालेबाजों की ही चाँदी की है. पंचायत के विकास योजन के पैसे से अपना विकास करने वाले भ्रष्ट कर्मचारी और जनप्रतिनिधि पर कार्रवाई की शिथिलता कहीं न कहीं सिस्टम के खोखलेपन को भी उजागर करता है.ऐसे में देखना यह है कि सरकार और प्रशासन इन घोटालेबाजों पर कब और क्या कार्रवाई करती है.

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